रविवार, फ़रवरी 15, 2009

वेलेंटाईन डे पर सरप्राइज गिफ्ट

शनिवार को वेलेंटाइनज डे था, हिन्दी में कहें तो प्यार को प्रकट करने का दिन. मुझे पता नहीं आप सब का ये दिन कैसा गुजरा,लेकिन दोस्तों मेरे लिए ये दिन एक यादगार बन गया. रात के दस साढ़े दस बजे होंगे, जब मैं और मेरी पत्नी बहार से खाना खाकर घर लौटे, उसने मजाक करते हुए कहा कि क्या बच्चा चाकलेट खाएगा, मैं भी मूड में था, हां हां क्यों नहीं, बच्चा चाकलेट खाएगा. वो फिर अपनी बात को दोहराते हुए बोली 'क्या बच्चा चाकलेट खाएगा ?', मैंने भी बच्चे की तरह मुस्कराते हुए शर्माते हुए सिर हिलाकर हां कहा, तो उसने अपना पर्स खोला और एक पैकेट मुझे थमा दिया, मैंने पैकेट पर जेमस लिखा पढ़ते ही बोला. क्या बात है जेमस वाले चाकलेट भी बनाने लग गए. मैंने उसको हिलाकर देखा तो उसमें से आवाज नहीं आई और मुझे लगा क्या पता जेमस वाले भी चाकलेट बनाने लग गए हों, मैंने जैसे ही खोला तो चाकलेट की तरह उसमें से कुछ मुलायम मुलायम सा कुछ निकला, पर वो चाकलेट नहीं था बल्कि नोकिया 7210 सुपरनोवा, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन उसने कहा ये तुम्हारा गिफ्ट है, पर मुझे यकीन नहीं हो रहा था, फिर उसने मेरे हैरत से लबलब हुए चेहरे को देखते हुए कहा, हां, मैं आज दोपहर के वक्त लेकर आई थी, तभी तो आफिस आते आते दो घंटे लग गए थे, मैंने पूछा कितने का है, वो बोली 5600 का, फिर चुटकी लेते हुए बोली नहीं नहीं 5700 का, मैंने पूछा वो कैसे, वो बोली मोटर साइकिल को पुलिस की गाड़ी उठाकर ले गई थी, जिसका जुर्माना सौ रुपया भरना पड़ा, तो हुआ ना 5700..मैंने बोला हां-हां. वो बोली तुम को कैसा लगा, ये तोहफा पाकर. मुझे याद आ गई एक पुराने दिन की जब अचानक मौसी के लड़के ने कहा था, हैप्पी तुम्हारा लेख दैनिक जागरण के फिल्मी पेज पर लगा है, और मैं उस वक्त भैंस को चारा डाल रहा था, मैंने बोला भाई मजाक मत करो, मैंने ऐसा इस लिए कहा क्योंकि लेख प्रकाशित न होने से मैं पूरी तरह दुखी था, हर बार चापलूस लोगों का छप जाता था और मेरा नहीं. जब मैंने खुद अखबार खोलकर देखा तो मेरी खुशी का कोई टिकाना नहीं रहा, कारण था कि वो लेख मेरी उम्मीद खत्म होने पर लगा, क्योंकि उसको दो महीने हो गए थे जालंधर मुख्य दफ्तर में धूल फांकतेहुए. वो खुशी और पत्नी का सरप्रार्ज वेलेंटाईन गिफ्ट की खुशी एक जैसी थी. ये दिन मेरे सुनहरे दिनों में शुमार हो गया. और आपका वेलेंटाइन डे कैसे रहा जरूर लिखना दोस्तो...इंतजार रहेगा.

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

कामना है कि आपको इसी तरह खुशियों के खजाने मिलते रहें।