आज हर कोई पैसा कमाना चाहता है, वो भी इतना कि वह अपने सपनों को साकार कर सके, लेकिन हिन्दुस्तान में नौकरी व्यवस्था ऐसी है कि वह आपको अमीर बनने भी नहीं देती और भूखा मरने भी नहीं देती। ऐसे में लाजमी है कि हर व्यक्ित ऐसा अवसर ढूंढता है जहां से वह अपने सपनों को साकार करने लायक आमदन कमा सके। मैं भी उन लोगों में ही शामिल हुं, लेकिन पैसा कमाने के लिए उस रास्ते पर कभी नहीं चलता, जिसके लिए मेरी आत्मा मुझे आज्ञा नहीं देती। आप सभी की तरह मेरी आंखों में भी सपने हैं, और उन सपनों को साकार करने की शक्ित, जो मुझे ईश्वर की ओर से तोहफे में मिली है, मुझे भगवान ने वार्निग डिजायर का गुण बख्शा हुआ है, जो बच्चों में होता है। वो अपनी हठ पूरी करने के लिए मां बाप को मजबूर कर देते हैं, और मेरे हिसाब से यह सारी सृष्टि मानव के लिए मां बाप से कम नहीं। जिन जिन लोगों ने वर्निंग डिजायर की, सृष्टि ने तथास्तु कहते हुए उसको पूरा किया, चाहे वो वॉल्ट डिजनी हो या फिर बिल गेट्स। मेरी बचपन से इच्छा थी, कोई ऐसा बिजनस करूं, जिससे में कुछ लोगों की जिन्दगियां बदल सकूं, और जो प्यार दुनिया ने मुझे दिया उसका कुछ कर्ज अदा कर सकूं। मुझे याद है, इस बिजनस के मिलने से एक साल पहले मैंने एक बेहतरीन जॉब को छोड़ते हुए जॉब खोने का मलाल करने की बजाय, कंपनी अधिकारियों के सामने कुछ शब्द कहे थे, जो आज आपके सामने कहने जा रहा हूं, मुझे लेखक बनना है और मुझे एक बेहतरीन जिन्दगी जीनी है, और मुझे आम आदमी की मौत नहीं मरना, मैं खुद का बिजनस खड़ा करूंगा और भारत के तीन शहरों में से किसी एक में रहना पसंद करूंगा, चंडीगढ़, दून और गांधीनगर। मैं जॉब छोड़ने के बाद पंजाब चला गया था, लेकिन उन शब्दों को कुदरत ने चुपके से सुन लिया था, और एक साल पूरा होने से पहले कुदरत ने मुझे गांधीनगर में भेज दिया एक नए बिजनस के साथ। उन शब्दों के मुताबिक ईश्वर ने मुझे बिजनस और शहर दे दिया, असल में कहूं तो एक बेहतरीन जिन्दगी जीने का एक सुनहरा अवसर, अब मैं इस अवसर को घोषणा नहीं चाहता, इस लिए एक साल पहले कहे हुए शब्दों को याद करते हुए मैंने अपने एक और सपने को साकार करने की ओर कदम बढ़ाने शुरू कर दिए, जी हां, लेखक बनने की ओर। जब कुदरत मेरा साथ दे रही है तो मुझे कोशिश करने में क्या गुरेज है। मैंने किताब लिखने के लिए भी प्रयत्न करने शुरू कर दिए, एक बेहतरीन बुक लिखने के लिए, मैं घोषणा कर रहा हूं कि मैं किताब लिख रहा हूं, जैसे ही घोषणा की तो एक दोस्त ने सुन लिया और कहा, इतना उत्साह अच्छा नहीं होता, तुम असफल हुए तो लोग हंसेंगे, मैंने कहा, अगर असफन न हुए तो, सफलता के लिए तालियां भी तो यही बजाएंगे। उसने फिर रोका, लेकिन मैंने अब उसकी बात को चुनौती के रूप में ले लिया, और काम को तेज कर दिया। मैं सोचता हूं, हम घोषणाएं करने से क्यों डरते हैं, हमको घोषणाएं करनी चाहिए, जैसे कुछ फिल्म निर्देशक फिल्मों की घोषणाएं करते हैं, और वो फिल्में अधर में अटक जाती हैं क्या वह निर्देशक फिल्में बनाना बंद कर देते हैं, नहीं, वह अगले प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर देते हैं, जब समय अच्छा होने लगता है तो पुरानी घोषणाओं को पूरा कर देते हैं। मैं नए बिजनस और अपनी घोषणाओं के साथ गांधीनगर गुजरात शिफट हो चुका हूं, उम्मीद है कि एक बेहतरीन जीवन जीकर इस दुनिया से विदा लूंगा। बाकी बातें बाद में दोस्तों फिर मिलेंगे। घोषणाएं करो, याद रखो कोई सुन रहा है।
4 टिप्पणियां:
Badhai ho bhai. Bilkul sahee kaha aapane घोषणाएं जरूर करो। कोई नहीं सुनेगा तो आपके खुद के कान और आत्मा तो सुनेगी। फिर वह इसी घोषणा को पूरा करने के लिए कार्य करना शुरू कर देते हैं। इसलिए अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि दिन में कम से कम 5 बार इसे दोहरा लें। दुनिया का कोई काम ऐसा नहीं है जो इंसान नहीं कर सकता। आपकी किताब के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
हमारी प्रति आज से ही बुक कर लें। इंतजार कर रहे हैं आपकी किताब के कूरियर का, और एक जरूरी बात दुनिया से विदा होने की बात सोचना भी नहीं। जिसको जब होना है हो ही जाएगा। या वह जिसका काम है वह खुद करेगा। हम तो बस अपना काम करते चलें। तू वाकई ग्रेट है।
Accha Hai jo tum ne aab kitab likhne ka man bana liya hai..hum sab dur hi sahi lekin dil se hamesha paass hai...Jesa vishal ne kaha dunia ka koi bhi kaam esa nahi hai jo insaan kar nahi sakhta...or tum un aam insaano mai nahi ho jo kitab ke 30 panne likhkar bole ki ab maja aa nahi raha..tum great ho..Happy the Great..(maa hamesha bolti hai. beta patrakaar...:)) best of luck..happy..
are wah kaha tak pahucha kitab ka kaam har baat me se positivity dekhne ki kala bht khooob hai really bht seekhne ko milta hai isse
I am glad I found this lovely blog!
aap bahut achha likhte hain!
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