मेरी आदत है कि कहीं से कोई भी सामान खरीदने से पहले अपना पर्स जरूर चैक करता हूँ, क्योंकि मेरी जेब में पैसे बच जाए, मानो बिल्ली के पास दूध। हाँ, जब कभी ऐसा करने में चूक जाऊं या फिर मुश्किल में फँस जाऊं तो माँ की दुआ ही बचाती है। सच में माँ की दुआओं में बहुत शक्ति होती है। मैंने तो उस शक्ति को हर पल महसूस किया है। बात है कल दोपहर की, जब मैंने दफतर की कैंटीन से हर रोज की तरह खाना मंगवाया। खाना आ गया, और खा भी लिया बड़े शौक से, लेकिन अब पैसे देने की बारी आई तो पर्स में से केवल पाँच पाँच के दो मरियल से नोट निकले, और बाकी सब नोट बड़े। अब कैंटीन वाले को देने थे 15 रुपए, मेरे पास खुले केवल दस रुपए। मैंने कैंटीन मालक से दस रुपए देते हुए कहा कि बाकी के पाँच रुपए शाम तक भेजवाता हूँ, वो जानता था कि पैसे आ जाएंगे, कहीं नहीं जाएंगे। अब वहां से उसका अहसान लेकर ऑफिस में आ गया। फिर शुरू हो गई कीबोर्ड की धुनाई, जैसे धोबी कपड़ों की और लुहार लोहे की धुनाई करता है। उंगलियों ने चलना धीमा कर दिया, मतलब कहने लगी हों कि अब बस थोड़ा सा आराम ले लेने दो। मैंने उंगलियों की थकावट को दूर दौड़ाने के लिए, उनसे कसरत करवाई। इतने में मेरा हाथ मेरी छाती पर आ गया। और उसने कुर्ते की ऊपर वाली जेब में एक कागज के होने का अहसास महसूस किया, मेरे दिमाग के हुकम पर उंगलियाँ मेरी जेब के भीतर घुस गई, वहां से एक कागज निकला, लेकिन ये कागज नहीं था, बल्कि दस का नोट था। जो धुलाई के बाद गुचपुच हो गया था। उस नोट को देखते ही माँ याद आ गई। माँ की दुआ याद आ गई। मैं कभी नहीं भूला कि एक दफा माँ ने कहा था कि तुम पैसे रख रख भूलोगे। सच में ऐसा मेरे साथ कई दफा हुआ, मैं कपड़ों में पैसे रखकर भूल गया, और बुरे वक्त पर वो ही पैसे मेरे काम आए, सच कहूँ तो डूबते को तिनके का सहारा मिल जाता है। जैसे किसी खिलौने को देखकर बचपन की याद ताजा हो जाती है, वैसे ही माँ की कही कोई बात सामने आते ही, माँ के दर्शन हो जाते हैं। वो कई साल पहले इस दुनिया से तो विदा हो गई, लेकिन अपने बेटे के साथ वो कदम दर कदम आज भी चलती है। वो माँ की गोद ही है, जहाँ जाकर हर डर गायब हो जाता है। सच कहूँ।
मुझे जब कभी डर लगा,
मैंने माँ की गोद में सर रख लिया।
डर छूमंत्र हुआ पल में
जब माँ ने सर पर हाथ रख दिया।।
17 टिप्पणियां:
Maa ki ahmiyat kahi nahi jaa sakti
Abhi mai maa se bahut dur hun unhe yaad karte hue ek post apne blog par dala hun.
Aap padh kar jarur tippani den.
तुम्हारी ये यादें आँखें नम कर देती हैं माँ माँ ही होती है कोई उस जैसा नहीं हो सकता। खैर हमेशा उन्हें बाँधे रखना भी सम्भव नहीं है । कई बार ये यादें सकून भी देती हैंमाँ जरूर आज भी तुम्हारे साथ है सही बात है माँ काजन्म ही इस लिये हुया है कि बच्चे को हमेशा दुखों मुश्किलों से बचाती रहे बस उसे याद कर के सब गम दूर हो जाते हैं । शुभकामनायें और आशीर्वाद्
आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की हार्दिक शुभकामनायें!
वाह गुरु बात को शब्दों में कहने का सलीका तो कोई तुमसे सीखे। बहुत खूब। नीचे की पंक्तियाँ भी बहुत मस्त लिखी हैं।
डर छू मंतर हुआ पल में
जब माँ ने सर पर हाथ रख दिया।।
माँ की कही कोई बात सामने आते ही, माँ के दर्शन हो जाते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब हों। हमारी शुभकामनाएँ।
माँ हमेशा बच्चों मे अच्छी आदते डालने की कोशिश करती है । अभी कुछ नही हुआ है पैसे अच्छी तरह रखने की आदत डाल लें - शुभकामनायें
nice
आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर! आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर! आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मुझे जब कभी डर लगा,
मैंने माँ की गोद में सर रख लिया।
डर छूमंत्र हुआ पल में
जब माँ ने सर पर हाथ रख दिया।।
Behad sundar sansmaran! Maa kee jagah duniyame kaun le sakta hai?
kehte hain jab bhagwan ne duniya bnayi to har waqt wh humare saath nahi reh sakte the isliye bnayi maa.ma sach bahut acha likha ese hi humesha we apke saath rahe or we log bhi sikh le jo jeete ji hi ma ko maar dalte hain...
माँ माँ होती है और उसकी जगह कोई नहीं ले सकता. मुसीबत ही नहीं जब भी अपने आप को अकेले महसूस करोगे बस माँ को याद कर लो. समझो आपने भगवान को मन से पुकारा है. और एक बेटे की पुकार दूर बैठी माँ भी सुनती है ऐसा मेरा मानना हैकुलवंत
aap kaa nam bataya thaa kisi ne...
ke ap blogger hain....
akar dekha to pata lagaa..
aap sach mein bas bloggger hain..
aasheesh.........
her ma ko aisa hee beta mile..........
pahalee var hee aana hua.......accha laga........
बिलकुल सही सही कहा माँ के बारे में जितना ही कहा जाये कम है
धन्यवाद ................
बिलकुल सही सही कहा माँ के बारे में जितना ही कहा जाये कम है
धन्यवाद ................
माँ के जैसे इस दुनिया में प्यार कहा ....
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