रविवार, जनवरी 10, 2010

जब प्यार हुआ मुझे

यही दिन थे (मई-जून), वेबदुनिया में आए अभी छ: महीने हुए थे। घर से कभी बाहर नहीं निकला था, इसलिए इन दिनों मैंने वेबदुनिया छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन कहते हैं ना कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसकी को कुछ नहीं मिलता, ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ, मुझे भी मेरे शहर वापिस जाना नहीं मिला, और इंदौर का होकर रह गया, पता नहीं कितने समय के लिए। हां, अगर उस वक्त मेरे प्रोजेक्ट लीडर मुझे न रोकते तो शायद में आज आपके सामने यह बातें पेश न कर पाता। मुझे पैसे ने नहीं बल्कि उनके स्नेह ने रुकने के लिए मजबूर किया।


मैं आम दिनों की तरह अगले दिन ऑफिस में आया, और उसी पुराने अंदाज में सबको नमस्ते, सत श्री अकाल, नमस्कार और गुड मार्निंग कहा, मुझे नहीं मालूम था कि मेरा यह स्टाइल किसका दिल चुरा लेगा, वेबदुनिया ने उन दिनों कई भाषाओं में पोर्टल शुरू किए थे, जिसके चलते नए नए चेहरों की भर्ती हो रही थी, इनमें एक चेहरा था, जो मेरे राज्य से न था, जो मेरी मां बोली को नहीं बोल सकता था, और नाहीं मैं उसकी भाषा और उसके राज्य से पराचित था। पर कहते हैं प्यार की कोई भाषा नहीं होती, जब दिल मिलते हैं तो सब फासले खत्म हो जाते हैं।

मेरी उसके साथ बहुत ज्यादा बातचीत नहीं होती थी, केवल नमस्ते और गुडमार्निंग बुलाने के सिवाय, हां कभी कभी जब वो ज्यादा काम में व्यस्त होती थी तो मैं इतना जरूर कहता था, क्या हुआ गुजारतन आज ज्यादा ही व्यस्त हो, इसके अलावा शायद हमारी एक ढाबे पर काफी लम्बी बातचीत हुई थी, तब दोनों की बीच में ऐसा कुछ नही था। बस रिश्ता था तो एक साथ कंपनी में काम करते हैं। मैं उन दिनों प्यार करने से कतराता था, क्योंकि घर में बापू की लठ से डर लगता था, क्योंकि वह अक्सर कहते थे, हैप्पी तू अपनी मर्जी से दुल्हन लेकर आएगा, और मेरी तेरी उस दिन लठ से पिटाई करूंगा, वो मुझे बहुत स्नेह करते थे, मैं भी उनसे। मगर मैं कहता था, जिस लड़की को मेरी मां चुनेगी, वो ही मेरी दुल्हन होगी, क्योंकि मैं अपनी मां से बेहद प्यार करता था और करता हूं।

मेरी बातों का किला उस समय ढह गया, जब मैं एक रात आफिस से काम कर रात के बारह बजे घर की तरफ अपनी मस्ती में गीत गाते हुए अकेला जा रहा था, ऐसे में अचानक मेरे मोबाइल पर एक अनजाने से नम्बर से एक मैसेज आया, मैंने दिमाग की सारी जासूसी इंद्रियां दौड़ाई, मगर मुझे याद नहीं आया कि यह नम्बर किसका है, मैंने मैसेज रिटर्न कर पूछा 'हू', तो आगे से जवाब आया लड़की, मुझे लगा कोई मेरा दोस्त मुझे बना रहा है, उसके रोमांटिक मैसेज लगातार आते रहे है, मैंने उसको कहा, अब मुझे सोने दो, सब मैसेज भेजना, क्योंकि मैं ठहरा आफिस प्रेमी और अगले दिन जल्दी आफिस आना था। उसने मेरी बात मान ली।

मगर अगले दिन फिर उसके हैरत में डालने वाले मैसेज आए, और मैं तंग परेशान हो रहा था, सब की मुसीबतें हल करने के लिए आगे रहने वाला हैप्पी आज खुद मुसीबत में था, इतने में मैंने वो मैसेज अपने एक अन्य दोस्त को दिखाया तो उसकी अकल के घोड़े दौड़े, उसने फटाक से कहा कि यह तो किसी गुजराती ने भेजा है, वो लड़की अब भी मेरे जेहन में न थी, मैं अब भी अपने गुजराती दोस्त परुण पर शक कर रहा था, लेकिन दिन गुजारते जैसे ही रात हुई तो तंग करने वाले का पर्दाफाश हुआ, मैंने फोन लगाया, तो आवाज मेरी पहचान में आ गई, हंसते हंसते मैंने उससे पूछा, तुम क्यों मुझे तंग कर रही हो, क्या चाहती हो? तो आगे से जवाब हंसते हंसते आया कुछ नहीं, बस दोनों ने काफी समय तक बात की और वो लड़की मेरे प्यार के मक्कड़जाल में फंस गई, प्यार हुआ और कुछ महीनों के बाद शादी हुई, हमने घरवालों को बिना बताए दोस्तों की मदद से शादी कर ली, जब इस बात का खुलासा हुआ तो दोनों घरों में खलबली मच गई, इसके बाद हमारी प्रेम कहानी में ट्विस्ट आ गया, उसके बाद जो हुआ आपको फिर कभी बताऊंगा, जब मैं जोश में लिखने के मूड मैं हुआ।। तब तक के लिए मुझे इजाजत दें।।

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

ईश्वर आपकी मदद करें!

निर्मला कपिला ने कहा…

ांअरे वाह बेटा तो ये थी तुम्हारी प्रेम गाथा। चलो अब तुम खुश हो ये बहुत बडी बात है । और अब तो इस प्रेम का फल भी मिलने वाला है। इस से बडी खुशी और क्या हो सकती है बहुत उतावली हूँ खुशखबरी सुनने के लिये। दोनो को बहुत बहुत आशीर्वाद इसी तर हंसते मुस्कुराते रहो।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

कुंलवंते, शास्त्री जी आशीर्वाद मिल गया है।

हमारा भी शुभाशीष ग्रहण करो।

अब मुझे समझ मे आया :)

somadri ने कहा…

Heartiest wishes fot u!

http://som-ras.blogspot.com

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

जानी अब समझा कुवंत अब भी हैप्पी क्यूं है जियो प्यारे जो कुछ है बस वर्तमान ही है....best of luck

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

kya yaar boht jaldi khatm kar di kahani....abhi to interest ban ne laga tha....
chalo jaldi se aage kya hua likhna...

Mithilesh dubey ने कहा…

क्या भाई ये बात कभी बताई नहीं ये बूरा किया , खैर छोडो वैसे आपकी गलत फहमी दूर करना चाहूंगा कि वह आपके प्यार के मकड़जाल में नहीं बल्कि आप फसे थे उसके जा;ल मै । खूशखबरी का इन्तजार बहुत करवा रहे हो ।

vandana gupta ने कहा…

are ye kya matlab hua ........jab kahani mein ek mod aaya tabhi rok di...........kuch tp padhne walon ka bhi khyal kijiye............bas yahi shukra hai ki pata chal gaya ki shadi ho gayi.........bahut khoob.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

आ...हा....तो .....?????
अभी सस्पेंस है .....आगे का इन्तजार है ......!!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

आगे आप क्या सुनाने वाले हैं, हम इन्तज़ार कर रहे हैं.

शरद कोकास ने कहा…

रोचक दास्तान ।