शुक्रवार, मार्च 26, 2010

मुझे माफ कर देना, नालायक बच्चा समझकर

पिछले कई दिनों से उलझन में था, करूं या न करूं। दिल कहता था करूं और दिमाग कहता था छोड़ यार। वैसी ही स्थिति बनी हुई थी, जैसे प्रेमी को पहला पत्र लिखने के वक्त बनती है, कई कागद काले कर दिए, फिर फाड़कर फेंक दिए, ऐसे ही कई नाम लिखे और मिटा दिए, लेकिन कल रात एक मित्र की मदद करते हुए मैंने जो नाम ब्लॉग के लिए सोचा था,
उसको दे दिया, लेकिन उसको पसंद न आया। फिर मैंने बिना किसी देरी के तुरंत लगा लिया, बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी चीज को खोने के संदेह से उसके प्रति प्रेम उमड़ आता था। जैसे ही उसने इंकार किया, वैसे ही मैंने उस नाम को अपने सीने से लगा लिया, कहीं गुम न जाए, कहीं खो न जाए। युवा सोच युवा खयालात तो टैगलाईन वैसे की वैसी ही है, लेकिन उसका यूआरएल बदल दिया, कुलवंत84 की जगह युवाटाईम्स कर दिया।

ऐसा करने से मेरे कुछ चाहने वालों को दिक्कत हो सकती है, जिनके ब्लॉग में मेरा ब्लॉग एड्रेस है, उससे मैं क्षमा चाहता हूँ, लेकिन मुझे पता है कि मेरी गलती, उनके प्रेम के आगे बहुत छोटी है, वो मुझे माफ कर देंगे और मेरा नया ब्लॉग पता अपने ब्लॉग में जोड़ लेंगे। मैं तो सदैव आपके प्यार का ऋणि रहूँगा।

मँसूर से किसी ने पूछा इश्क क्या है, जब वो सूली पर लटकने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि आज, कल और परसों देख लेना। इस अर्थ था, आज सूली पर लटकना, कल जनाजा उठेगा और परसों धूल उड़ाई जाएगी। जिसको मैंने अपने शब्दों में कुछ इस तरह लिखा है।

आज मरना, कल जनाजा, परसों इश्क मुकम्मल मेरा।




भार
कुलवंत हैप्पी

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

क्षमा कर दिया..अब खुश हो लो..हा हा!!

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संजय भास्‍कर ने कहा…

मुझे माफ कर देना, नालायक बच्चा समझकर
maaf kar diya ab khush ho jao

संजय भास्‍कर ने कहा…

good boy...